खुद का मूल्यांकन परीक्षा के दौरान हम एक अजब - गजब मानसिकता से गुजर रहे होते हैं। यह समय हमें बहुत कठिन व विकराल लगता है ऐसा लगता है कि किसी भी तरह इससे जल्दी से जल्दी मुक्ति पा लिया जाए। मुक्ति तो मिलेगी ही इसमें कोई दो राय नहीं है लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको यह मुक्ति सफलता के साथ मिलती है या अर्ध्द सफलता के साथ या फिर असफलता के साथ। तो आइए हम यहां यह जानने का प्रयत्न करेंगे कि हमें सफलता किस रूप में मिल सकती है। परीक्षा देने के बाद हम यह धारणा बना लेते हैं कि हमें जो करना था, लिखना था हमने लिख दिया अब यह परीक्षक की इच्छा के ऊपर है कि वह हमें क्या समझ कर कितने नंबर देता है। इस बारे में हम अब ज्यादा कुछ नहीं कर सकते जो भी करना है वह परीक्षक को ही करना ...
AGR AAP APNI TRF SE KOI RAY YA KOI AUR BAAT BATANA CHAHTE HAI JARUR BATAYE ..JO AAPKO ROCHAK LGA
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