सुविचार मेरे लिए आपके लिए सबके लिए -
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आपका अपना साथी
अमित बाबू
अमित बाबू
प्रयागराज
आप सही हो सकते हैं
लेकिन आपके सही होने में
सामने वाला गलत भी नही हो सकता ।
इसे ऐसे समझ सकते है कि
जैसे इस 6 को आप 6 देख रहे है
वहीं इसे आपके सामने वाला 9 के रूप में देख रहा है ।
अब आप बताये अक्सर ऐसा हो जाता है
और न आप समझ पाते न हम
और आप गलत फहमी के शिकार हो जाते है ।
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